आमतौर पर हम सभी ने अपने जीवन में ये सुना ही होगा कि ‘जल ही जीवन है’, पानी बर्बाद मत करो, Save Water Save Life आइए इसका कारण जानते हैं!
पृथ्वी को नीला गृह कहा जाता है क्योंकि इसके लगभग 71% भाग पर पानी और 29% भाग पर स्थल है, पर आपको जानकर हैरानी होगी की इस 71% भाग का, लगभग 97.3% इंसान के उपयोग करने लायक ही नहीं है! इसका मतलब पृथ्वी के कुल जल का 2.7% भाग ही मानव के उपयोग करने योग्य है! इसलिए पृथ्वी के 3/4 भाग पर जल होते हुए भी, हमारे लिए पानी की कमी है!
आपको जानकर हैरानी होगी कि हम जो भूमि के अंदर से जल पीते हैं वो पृथ्वी के कुल जल का 0.68% है! इसलिए कहा जाता है ”Don’t Waste Water” ! क्योंकि अगर हम इसी तरह पानी बर्बाद करते रहे तो पीने तक का पानी नहीं बचेगा!
एक शोध के अनुसार पानी की टंकी से पानी की एक-एक करके टपकती हुई बूंदें एक साल में 1200 लीटर पानी बर्बाद कर देती हैं!
प्रत्येक भारतीय प्रतिदिन 150 लीटर पानी का उपयोग करता है, और एक शोध के अनुसार वर्ष 1975 मे , मनुष्य के द्वारा जल खर्च 3850 km/ (year)³ थी ? जो वर्ष 2000 में 6000 किमी/(वर्ष)³ हो गयी है ? “इस तरह जनसंख्या बहुत बढ़ रही है लेकिन पानी कम है “!
बिना जल के मनुष्य जीवित नहीं रह सकता, इसलिए कहा जाता ‘जल ही जीवन’ है और ऐसा माना जा रहा की जिस तरह हम जल बर्बाद कर रहे हैं उसे देखते हुए अगर तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो वह पानी को लेकर ही होगा ! इसलिए कहा जाता है “Save Water & save life” ! दुनिया में World Water Day , 22 मार्च को मनाया जाता है !
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